भले है सिफ्र मगर बेअसर नही होता
भले है सिफ़्र मगर बेअसर नही होता
बग़ैर सिफ़्र के तो इक अशर नही होता
अशर 10 की संख्या
सफ़र सुकून से अपना तमाम होता है
हमारा जब भी कोई हमसफ़र नही होता
जहाँ न शोर न तकरार बाल बच्चों की
मकान कह लो उसे पर वो घर नही होता
मु'आफ मैं नहीं करता रुलाने वाले को
मेरे ही शाने' पे जो उसका' सर नही होता
पढूँ इक आँख से गीता तो दूजी से क़ुरआं
हर एक शख़्स में ऐसा हुनर नही होता
मरुँ जो अम्नो अमां के लिए तो गम कैसा
मरे बग़ैर तो कोई अमर नहीं होता
वहाँ भी चाहो हमें आजमा के देखो तुम
कि मो'तबर भी जहाँ मो'तबर नही होता
ये आसमान है छत औ जमीं मेरा बिस्तर
रहूँ कहीं भी, कभी दर बदर नही होता
तुम्हारा मान बढ़ाने को हैं खड़े वरना
शदीद भीड़ का हिस्सा ये सर नहीं होता
गुजारी हँस के जो खारों में ज़िंदगी मैंने
गुलों के साथ अब अपना बसर नहीं होता
1212 1122 1212 22
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