बहुत दम है तो ये करके दिखा दो


बहुत दम है तो ये करके दिखा दो
किनारों  के  बिना  दरिया बहा दो

भले  हँस लो  मेरी नाकामियों पर
नहीं  डूबे  जो  वो  सूरज  उगा दो

बिछी  है  चाँदनी  जो  छत  पे मेरे
उसे  तुम  बाम  से  अपने  हटा दो

नहीं  बर्दाश्त  है  सच  आइने  का
तो  आईने  को  आईना  दिखा दो

जमाने  की  बहुत  पर्वा  है तुमको
जमाने को यक़ीं  इसका  दिला दो

जो बच्चा रूठ कर  बैठा हो माँ से
किसी तरकीब से उसको  हँसा दो

गुमां  है  अपने  सरमाये  पे तुमको
किसी  ख़ुद्दार  की  गर्दन  झुका दो

चराग़ों   से   निभाते   हो  अदावत
हवाओं  एक  जुगनू  को  बुझा  दो

Comments

Popular posts from this blog

शबे वस्ल ऐसे उसको खल रही थी

मेरा ख़ुशियों से साबका पूछा

तू कभी मिल जाये तो इस बात का चर्चा करूँ