सब की किस्मत ख़राब है यारों

अपनी किस्मत ख़राब है यारों
हर  कुएँ  में शराब  है  यारों

मेरे   दुश्मन   मुरीद   हैं   मेरे
ये  मुकम्मल  अजाब है यारों

जिनको काली घटा सी कहते हो
श्वेत लट पर खिजाब है यारों

दोस्तों  की  जामा'अतों  से  ही
दुश्मनों   पर   रुआब  है  यारों

जब परिंदों में देखी यकजिहती
ख़ुद  परीशां  उक़ाब  है  यारों

एड़  दिल  को  कभी  नहीं देना
रख़्श   ये   बेरकाब   है   यारों

उसका  पहरा  है  नींद  पर मेरी
जो कि ख़ुद मह्वे-ख़्वाब है यारों

चाँद को "चाँद" कर दिया जिसने
वो  ही  तो  आफ़ताब  है  यारों

उसको दीवाने-मीर ही समझो
जिसमे सूखा  गुलाब  है  यारों

जिसका नश्शा है मेरी आँखों में
ख़ुद  वो  जामे-शराब  है  यारों

जब  ज़ुबां  साथ  दे  नहीं  पाती
ख़ामुशी   ही   जवाब  है  यारों

जो किसी दिल मे बस नहीं पाता
वो   ही   ख़ानाख़राब   है   यारों

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