रखे जो याद उसको भूल जाना है बहुत मुश्किल
रखे जो याद उसको भूल जाना है बहुत मुश्किल
लिए तूफ़ान दिल में, मुस्कराना है बहुत मुश्किल
खुला करते हैं जिगरी दोस्तों में राज सब दिल के
हर इक के सामने पल्लू गिराना है बहुत मुश्किल
मिला करते हैं वो मुझसे ख़ुशी की ओढ़कर चादर
ख़ुद अपने दिल से अपने ग़म छुपाना है बहुत मुश्किल
हँसाये माँ तो हँस पड़ता है बच्चा रोते रोते भी
भरी आँखों के आँसू भूल जाना है बहुत मुश्किल
हमारी रूह दिखलाती हैं आईना हमें अक्सर
ख़ुद अपने आप से नज़रें मिलाना है बहुत मुश्किल
बिना संकोच के जो बात कड़वी भी कहें मुँह पर
ज़हां में दोस्त ऐसे ढूँढ पाना है बहुत मुश्किल
निकलते हैं तेरी आँखों के आँसू मेरी आँखों से
यूँ ख़ामोशी से हाले दिल बताना है बहुत मुश्किल
मज़ा आने लगा तो शायरी अब छोड़ दें कैसे
नशेड़ी से नशे की लत छुड़ाना है बहुत मुश्किल
मेरी ख़ुशियाँ मेरे आँसू भी मैंने रख दिये गिरवी
यूँ अपना फ़र्ज़ हर सूरत निभाना है बहुत मुश्किल
निकल आते हैं आँसू गर ज़रा सी चूक हो जाये
किसी की आँख में काजल लगाना है बहुत मुश्किल
कभी दरिया की गहराई किनारे से नहीं मिलती
फ़साना ग़मज़दा का जान पाना है बहुत मुश्किल
तिजारत हो नहीं सकती ग़मों, ख़ुशियों, दुआओं की
किसी मुफ़लिस के आँसू पोंछ पाना है बहुत मुश्किल
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