दिल तू केवल अपने काम से काम रखा कर
दिल तू केवल अपने काम से काम रखा कर
प्यार मुहब्बत के लफड़ों से दूर रहा कर
दुनिया ख़ुद तो जाना चाहेगी मंज़िल तक
तुझको भटका देगी दूजी राह दिखाकर
अपनी अपनी कश्ती लेकर सब डूबेंगे
फिर भी उतरे हैं सागर में दाँव लगा कर
अपना क्या, डूबेंगे या उस पार मिलेंगे
हर सूरत में नाम शनावर का ही पा कर
ताब किसी में है तो वो जाहिर होगी ही
नाम भले हो सूरज, रवि या शम्स, दिवाकर
तेरे घर की छत से चाँद नहीं दिखता क्या
मेरे घर की छत से आकर देख लिया कर
कितनी बार बनाया और मिटाया अब तक
रखना है तेरी उम्दा तस्वीर बना कर
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