मुझे उससे कोई शिकवा नहीं है
मुझे उससे कोई शिकवा नहीं है
तुम्हारे बिन जो ख़ुश रहता नहीं है
तुम्हारा अक्स अगर तुमसा नहीं है
तो आईना ही आईना नहीं है
थका तो है मगर हारा नहीं है
हमारा दिल अभी बैठा नहीं है
गिले शिकवे भी थे बाइस खुशी के
मगर अब हाल पहले सा नहीं है
मुहब्बत ताड़ लेती है ये दुनिया
मुनादी तो कोई करता नहीं है
तुझे भी जीत हासिल हो तो जाती
तू ही किरदार में रहता नहीं है
हमारे हो नहीं तो खुल के कह दो
बिछड़ कर अब कोई मरता नहीं है
उदासी मुनअकिस है रुख़ पे उसके
छुपाने से भी ग़म छुपता नहीं है
सहेगा दर्द के पथराव सारे
मेरा दिल काँच का टुकड़ा नहीं है
करे आवारग़ी क्यूँ टूट कर भी
मेरा दिल दश्त का पत्ता नहीं है
हमारी नब्ज़ को छूकर बताओ
तुम्हारे दिल से तो रिश्ता नहीं है
लगेगी जिस्म में अब आग कैसे
तुम्हारा लम्स पहले सा नहीं है
रुका है खुशबुओं का क़ाफ़िला यूँ
चमन से हो के तू गुजरा नहीं है
लगें मुझको सभी की बद्दुआयें
दुआ ये भी कोई देता नहीं है
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